Add To collaction

एक संयोग ऐसा भी लेखनी प्रतियोगिता -25-Jul-2022

       जैसे ही  अनामिका ने आर्यन की बाजू पर उसका ब्लड प्रैशर चैक करने हेतु मशीन लगाई उस पर उसका नाम लिखा देखकर उसको अपने भाई की तस्वीर याद आगयी।


      अनामिका समझ चुकी थी यह आज से पन्द्रह साल पहले मेले से खोया हुआ भाई ही है। क्योकि उसके भाई के हाथ पर उसी मेले मे यह नाम लिख बाया था और नाम लिखने के साथ गणेशजी की छोटी सी तस्वीर भी बनबाई थी।

      अनामिका उस मनहूस दिन को कैसे भूल सकती है।

     उसे वह दिन आज भी याद है उनके शहर में दशहरा का मेला लगा हुआ था। मेले में बहुत भीड़ होती थी। उस दिन  अनामिका अपने भाई आर्यन व मम्मी पापा के साथ रावण  दहन देखने आई थी। मेले मे किसी शरारती ने  रावण जलने से पहले ही  एक जगह पडे़ हुए कूडे़ में आग लगा दी। और लाऊड स्पीकर से एनाउन्समैन्ट कर दिया जिससे मेले में भगदड़ मच गयी।

         और इस भगदड़ में आर्यन  उनसे बिछुड़ गया उस समय आर्यन पाँच बर्ष का था और अनामिका दस ग्यारह बर्ष की थी। आर्यन को खोजने की बहुत कोशिश की परन्तु वह नही मिला।

      उस दिन मेले में कोई बच्चे उठाने वाला गैन्ग आया हुआ था। उसदिन दस बच्चे गायब हुए थे। सभी के माता पिता कुछ नही कर सके।

     अनामिका अपने भाई को देखकर अपने को रोक नही पा रही थी। वह उनके साथ आई हुए उसकी माँ से पूछने लगी ," आन्टीजी यह आपका सगा बेटा है ?"

      वह औरत बोली," यह मेरा ही बेटा है  आप इस तरह क्यौ पूछ रही हो ?"

        "   आपने इसके हाथ पर यह नाम कहाँ से लिखवाया था ?" अनामिका ने पूछा।
  वह औरत चुप रहगयी वह इसका जबाब नही दे सकी थी। इस पर अनामिका को विश्वास होता जारहा था कि वह उसका ही भाई है।

         अब अनामिका ने उस औरत से पूछा," आन्टी आप सच सच बताओ यह आपको कहाँ मिला था यह आपका बेटा नही है मै अभी पुलिस बुलाती हूँ।  र्वह औरत पुलिस के नाम से डर गयी और काँपने लगी।

     वह बोली," यह मुझे  स्टेशन पर मिला था । यह रो रहा था हमारे कोई सन्तान नही थी।  हम दोनौ ने इसका नाम पता पूछा यह कुछ नही बता सका हम इसे अपने घर लेआये।

          हम  बच्चौ के खिलौने बेचते है हम एक शहर मे नही रुकते है इस लिए किसी को सक नही हुआ और हमने इसको अपना बेटा मानकर पाला है। आज हम इस शहर में  खिलौने बेच रहे है। यह बीमार होगया है इसे यहाँ दिखाने  लाए है।

      अनामिका ने अपने मम्मी पापा को बुला लिया और पुलिस को बुला लिया। उस औरत का पति भी आगया। पहले तो वह अपनी पत्नी को पागल कह रहा था और यह हमारा बेटा है मेरी पत्नी का दिमाग ठीक नही है। इसलिए वह डरकर यह सब कहरही है।

       जब पुलिस ने उसपर दबाब बनाया उसने भी सच बता दिया। आज अनामिका का डाक्टर बनना  बहुत ही एक अच्छा संयोग हुआ इस संयोग से उसको उनका भाई मिल गया पुलिस ने उनदोनौ को आर्यन के माता पिता से पाँच लाख रुपये दिलवाये। 

          आज अनामिका बहुत खुश थी इतने साल पहले बिछुडा़ भाई जो मिल गया था।  यह एक संयोग ही था ।

दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा" पचौरी "
 25/07/२०२२

   24
17 Comments

Saba Rahman

26-Jul-2022 11:59 PM

Osm

Reply

Khan

26-Jul-2022 11:07 PM

😊😊😊

Reply

Aniya Rahman

26-Jul-2022 10:54 PM

Nyc

Reply